The Definitive Guide to हल्दी का नियमित सेवन करने के फायदे

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हल्दी दूध को कैंसर से निजात पाने में भी उपयोगी पाया गया है। यह प्रोस्टेट कैंसर, ब्रैस्ट कैंसर, पेट का कैंसर आदि में उपयोगी पाया गया है।यह कैंसर 

बड़े-बुजुर्ग कहते थे कि हल्दी में चूना मिला देने से हल्दी के गुण बड़ जाते है और ये बात सच भी है। हल्दी को चूने में मिलाकर अंदरूनी चोट या सूजन में लगाने से यह दर्द को खींच लेता है। चोट-घाव में हल्दी के फायदे

● अगर आपकी किमोथेरेपी चालू है । तो हल्दी का उपयोग से बचना चाहिए ।

हेयर मास्क को बनाने के लिए आप एक बाउल में सभी चीजों को मिला लें।

हल्दी में मौजूद करक्यूमिन इम्युनिटी को बूस्ट करने के साथ ही फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम कर देती हैं। वहीं हल्दी में में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार करते हैं।

इस सुनहरे पेय को बहुत ज़्यादा लेने से बचें। ज्यादा लेने से मासिक धर्म में गड़बड़ी, अपच, दस्त, मतली, जिगर की परेशानी, आंतरिक website रक्तस्राव, अति सक्रिय पित्ताशय का संकुचन, निम्न रक्तचाप, आदि हो सकता है।

अन्य भाषाओं में इसे निम्न नामों से पुकारा जाता है।

आयुर्वेद में हल्दी गुणकारी साबित हुई है । हम हल्दी को नींबू और शहद के साथ मिलाकर इस्तेमाल करें तो वह बहुत गुणकारी और फायदेमंद साबित होती है ।

दाल के साथ ब्राउन राइस के सेवन से आपका दाल के साथ ब्राउन राइस के सेवन से आपका कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहेगा.

● अगर आपको पीलिया यानी ज्वाइंडिस हुआ है । या पित्ताशय की पथरी हुई है तो आप हल्दी का सेवन मत कीजिए । इससे आपको तकलीफ होने वाली है ।

गले की खराश दूर करने के लिए हल्दी, यवक्षार और चित्रक के २-५ ग्राम चूर्ण लें एक चम्मच शहद के साथ इसका सेवन करें

• हल्दी, संतरे का रस, चंदन पाउडर मिलाकर फेसपैक बनाए । यह फेस पैक लगाने से उनकी स्किन का ऑयल कंट्रोल हो जाता है । उनकी ऑइली त्वचा कंट्रोल में आ जाती है।

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हल्दी एक मसाला है और जड़ीबूटी भी है। यह करकुमा लोंगा पौधे की जड़ से प्राप्त होता है, जो अदरक परिवार में एक बारहमासी है। हल्दी का सबसे प्रमुख सक्रिय अंश है करक्यूमिन। करक्यूमिन हल्दी को पीला रंग देता है।

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